पृथ्वी की सतह से 700 किलोमीटर नीचे एक विशाल महासागर है, जिसमें सभी समुद्रों से तीन गुना अधिक पानी है। इसकी खोज अमेरिका के इलिनॉय राज्य के वैज्ञानिकों ने की है। इस महासागर की खोज धरती पर पानी की उत्पत्ति के अध्ययन के दौरान हुई।
यह महासागर पृथ्वी की सतह के नीचे एक नीले रंग की चट्टान में समाहित है। खोज करने वाली टीम के वैज्ञानिक स्टीव जैकोब्सन ने बताया कि यह चट्टान पानी को सोखने वाला स्पंज की तरह काम करती है। 2 हजार सीस्मोमीटर के माध्यम से 500 भूकंपों का अध्ययन करने के बाद इस महासागर की खोज हुई।
वास्तव में, जब पृथ्वी के नीचे उठने वाली तरंगें किसी नमी वाली चट्टान से होकर गुजरती हैं, तो उनकी गति धीमी हो जाती है। सीस्मोमीटर के माध्यम से इन तरंगों का अध्ययन करने के बाद महासागर की खोज हुई।
धरती पर पानी की उत्पत्ति के बारे में एक नई थ्योरी प्रस्तुत की गई है, जिसके अनुसार समुद्र समय के साथ धरती के नीचे से ही बाहर निकले हैं। वैज्ञानिक जैकोब्सन ने बताया कि यदि यह महासागर सतह पर आ गया, तो पृथ्वी पर केवल पानी ही होगा, और जमीन के नाम पर केवल पहाड़ों की ऊंची चोटियां ही बचेंगी।
पानी, जिसे केमिस्ट्री में H₂O कहते हैं, हाइड्रोजन के दो परमाणु और ऑक्सीजन के एक परमाणु से मिलकर बनता है। यह ठीक उसी प्रकार है जैसे कोशिकाओं से मिलकर हमारा शरीर बनता है।