जालोर/मारवाड़ दैनिक न्यूज: पश्चिम राजस्थान में रबारी जाति के लोग अपना पारंपरिक कार्य पशुपालन करते हैं। इस समाज के लोग गाय,ऊंट, भेड़, बकरी आदि स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचकर अपने पशुओं को चराने का कार्य करते हैं।
इन जाति के परिवार का गुजारा सिर्फ इन पशुओं पर आश्रित है। चारों और पानी की समस्या के कारण ये अपने घरो को छोड़कर गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश तक पशु चराने के लिए जाते हैं।
केन्द्र और राज्य सरकार का ध्यान अभी तक इनकी ओर नहीं गया है। इन पशुपालन को सरकार योजनाओं को काई लाभ नहीं मिल पाता है। विशेष तौर पर सरकार ने इनके लिए किसी योजना को नहीं बनाया जिसे इन्हें लाभ मिल सके।