शंकर चौधरी : जालोर : 2022 के अंत में राजस्थान के सांचौर जिले के रानीवाड़ा में हुई चर्चित चोरी के मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। इस घटना में तीन किलो से अधिक सोने के जेवरात चोरी हुए थे। इस चोरी के पीछे की साजिश का आरोप तेरह लोगों पर लगाया गया था, जिनमें से दस को सजा मिली है और तीन को कोर्ट ने बरी कर दिया है।
यह चोरी प्रवासी करोड़पति और विश्व विख्यात श्री मनोरमा गोलोक तीर्थ के अध्यक्ष प्रताप पुरोहित के घर में 17 दिसंबर 2022 को हुई थी। इस घटना के बाद प्रशासनिक मशीनरी में हडकंप मच गया था। रानीवाड़ा ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट पंकज सांखला ने 4 मार्च 2024 को निर्णय सुनाते हुए दस आरोपियों को विभिन्न अवधियों के लिए कारावास की सजा सुनाई। तीन आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया गया।
इस मामले की सुनवाई में अभियोजन अधिकारी मेवाराम ने पैरवी की। आरोपियों के परिजन और अन्य अधिवक्ता न्यायालय में मौजूद थे।
इनकों क्या बरी
आरोपी दिनेश खान असकरखान रानीवाड़ा कला, बदाराम उर्फ बलवंत पुत्र पीराराम सरूपगंज, लाखाराम पुत्र नेथीराम कोट की ढाणी को दोष मुक्त किया गया।
इनको दो-दो साल का कारावास
आरोपी राजू उर्फ राजेश पुत्र मनोहर फणसगावकर निवासी लालबाघ मुंबई, कांतिलाल अनाजी सोनी रानीवाड़ा कला, दीपक कुमार पुत्र शिवाजी झर्रे सांगली महाराष्ट्र, विनोद पवार पुत्र विश्वास पंवार मेरठ हाल सांगली को दो-दो साल का कारावास की सजा चुनाई है।
इनको हुआ तीन-तीन साल का कारावास व अर्थ दंड से दंडित
विजयकुमार पुत्र सोनाराम बड़गांव, मुस्तफा युनूस खान उर्फ बटला शेहेब, मोहम्मद नाजिम पुत्र युुनूस अहमद निवासी दौलताबाद बिजनोर उत्तरप्रदेश, शेषनाथ पुत्र रामानंद उपाध्याय मजीद बंदर वेस्ट मुंबई, करण उर्फ विपिन पुत्र चन्द्रसिंह चमोली नेनीताल उत्तराखंड, विक्रम उर्फ रावण पुत्र छोगाराम रेवदर को तीन-तीन साल के कारावास व अर्थ दंड से दंडित करने का निर्णय सुनाया है।