चैत्र कृष्णपक्ष में जो एकादशी आती है उसका नाम है ‘पापमोचनी’। वह शाप से उद्धार करनेवाली तथा सब पापों का क्षय करनेवाली है । जो श्रेष्ठ मनुष्य ‘पापमोचनी एकादशी’ का व्रत करते हैं उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। एकादशी के दिन चावल खाना निषिद्ध है।
पुण्य अर्जित करने हेतु कुछ विशेष टिप्सः-
- मौन, जप, शास्त्र पठन, कीर्तन, रात्रि जागरण एकादशी व्रत में विशेष लाभ पँहुचाते हैं।
- इस दिन बाल नहीं कटायें। मधुर बोलें, अधिक न बोलें, अधिक बोलने से न बोलने योग्य वचन भी निकल जाते हैं।
- एकादशी के दिन अशुद्ध द्रव्य से बने पेय न पीयें।
|| आज है पापों को हरनेवाली-पापमोचनी एकादशी ||
जो मनुष्य चैत्र कृष्णपक्ष में आनेवाली ‘ पापमोचनी एकादशी’ का व्रत करते हैं उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। पापमोचनी एकादशी व्रत महिमा पढ़ने और सुनने से सहस्र गौदान का फल मिलता है। ब्रह्महत्या, सुवर्ण की चोरी, सुरापान और गुरुपत्नीगमन करनेवाले महापातकी भी इस व्रत को करने से पापमुक्त हो जाते हैं। यह व्रत बहुत पुण्यमय है। विशेष ध्यान देः- एकादशी के दिन चाँवल खाना पूर्णतया वर्जित माना गया हैं।